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बिहार के नवादा में नीलगाय का आतंक, 15 जानवरों का शिकार

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किसानों की फसल बचाने के लिए जिला प्रशासन ने की कार्रवाई, वन विभाग और मुखिया की टीम ने ऑपरेशन किया

नवादा: बिहार के नवादा जिले में जंगली नीलगायों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। किसानों की फसल को नुकसान पहुंचाने के बाद जिला प्रशासन ने नीलगायों पर कार्रवाई का आदेश जारी किया, जिसके तहत 10 से 15 नीलगायों का शिकार किया गया।
मुखिया के आवेदन पर कार्रवाई: यह कार्रवाई महुली पंचायत में की गई। पंचायत के मुखिया विपिन सिंह ने डीएम और पंचायती राज पदाधिकारी को आवेदन देकर फसल की सुरक्षा की मांग की थी। उन्होंने बताया कि जंगली जानवर हर साल किसानों को 2-3 लाख रुपये तक का नुकसान पहुंचाते हैं।
"मुझे जानकारी नहीं थी कि फसल बचाने के लिए ऐसा कदम उठाया जा सकता है। डीएम को आवेदन देने के बाद विभागीय आदेश मिला और शूटर नीलगायों पर कार्रवाई करने आए।" – विपिन सिंह, मुखिया, महुली पंचायत
नीलगायों को भगाने के लिए पहले पटाखों का इस्तेमाल: नवादा के सिसवा और भगवानपुर इलाकों में ज्यादा नुकसान हो रहा था। वन विभाग और मुखिया प्रतिनिधि की टीम पहले पटाखों की आवाज से नीलगायों को भगाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन जब समस्या बनी रही, तो शूटरों ने सीधे नीलगायों पर गोली चलाई।
"स्थानीय मुखिया के निर्देशन में जो भी जानवर फसल को नुकसान पहुंचा रहा है, उसे शूट किया जाएगा। यह प्रक्रिया अभी जारी है।" – क़याम अख्तर, शूटर, वन विभाग
राज्य में व्यापक अभियान: बिहार के वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग के अनुसार, राज्य के कई जिलों में पिछले साल फसल नुकसान के कारण 4,279 नीलगायों को मारने का अभियान चलाया गया। सबसे ज्यादा शिकार वैशाली में हुआ, जहां 3,057 नीलगाय मारे गए। इसके बाद गोपालगंज में 685, समस्तीपुर में 256, मुजफ्फरपुर में 124 और अन्य जिलों में क्रमशः कम संख्या में नीलगायों का शिकार किया गया।
किसानों को मुआवजा: फसल नुकसान की स्थिति में बिहार सरकार 50 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर का मुआवजा देती है। ग्रामीण मुखिया वन विभाग के शूटरों की मदद से जंगली जानवरों से फसल की रक्षा कराते हैं।

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